Independence Day Speech In Hindi 2021: दोस्तों अगर आप भी 15 अगस्त पर अपने स्कूल, कॉलेज या फिर अपने दफ्तर में भाषण देने का सोच रहे हो तो, हम आपके लिए छोटा सा शायरीभरा जोशीला भाषण लेकर आए. इस भाषण का उपयोग आप इस स्वतंत्रता दिवस पर सकते हैं-
मंच पर विराजमान मुख्य अतिथि महोदय, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, समस्त गुरुजनों और इस समारोह में पधारे अभिभावकों को मेरा प्रणाम. साथ ही यहां बैठे मेरे सभी प्रिय सहपाठियों को सुप्रभात. सबसे पहले तो मैं आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देता हूं.
वो देशभक्त नहीं जो अपने देश के लिए काम न आए,
वो देशद्रोही है, जो देश के लिए एक दुश्मन है और दुश्मन कहलाए।
आज का दिन हमारे के लिए बड़ा ही ख़ुशी का दिन है. क्योंकि आज से पचहत्तर साल पहले सन 1947 में 15 अगस्त को ही इस भारत देश को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी. इसीलिए सभी देशवासी इस 15 अगस्त को हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं. 15 अगस्त वर्ष 1947 को भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया.
इस देश के आजाद होने की ख़ुशी में 15 अगस्त 1947 को पहली बार भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर तिरंगा फहराया था. तभी से प्रतिवर्ष देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर राष्ट्रध्वज फहराते है, राष्ट्रगान गाते है और देशवासियों को अपने भाषण के द्वारा सम्बोधित करते है.
इस मौके पर सभी शहीद स्वतंत्रता सैनानियों एवं क्रांतिकारियों को 21 तोपों से श्रद्धांजलि दी जाती है और भारतीय सेना द्वारा अपना शक्ति प्रदर्शन और परेड मार्च किया जाता है.
15 अगस्त का यह खास दिन हर भारतवासी में देशभक्ति की भावना और जोश भरने वाला दिन है. इस दिन जहां देखो वहां हर कोई आजादी के जश्न में डूबा नजर आता हैं. देश का बच्चा-बच्चा तिरंगे रंग में रंगा रहता है.
स्वतंत्रता दिवस हमें उन महापुरुषों और क्रांतिकारियों की याद दिलाता है. जिन्होंने इस वतन के खातिर अंग्रेजों से लड़ते-लड़ते अपने प्राणों की आहुतियां जो दे दी.
यह आजादी हमें यूं ही नहीं मिली, इसके लिए हमारे महान नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों ने सन 1857 से 1947 तक के कई विद्रोह और बलिदान देखे. तब जाकर में हमें आजादी मिली है.
हमें उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों जैसे महात्मा गांधी, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सरदार वल्लभभाई पटेल, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस और लाखों अन्य लोगों के बलिदानों को नहीं भूलना चाहिए, जिनके नाम तक ज्ञात नहीं हैं, लेकिन उन्होंने भारत को अंग्रेजों के शासन से मुक्त करने के लिए लंबा संघर्ष जो किया.
हमें गांधीजी के अहिंसा दर्शन जैसे स्वतंत्रता सेनानियों की शिक्षाओं को याद रखना चाहिए और अपने जीवन में उसका पालन करना चाहिए. आज हम सब उन्हीं की बदौलत आजाद भारत के नागरिक कहलाते है. हमें अपना संविधान मिला और हम अपने मौलिक अधिकारों का आनंद लेने में सक्षम हैं.
हम सभी को एक भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए, और हमें अपने भाग्य की प्रशंसा करनी चाहिए कि हम स्वतंत्र भारत की भूमि में पैदा हुए हैं.
अब भी जिसका खून न खौला, खून नहीं वह पानी है।
जो देश के लिए न जिये, उसकी एक दिन जान जानी है।
‘’जय हिन्द-जय भारत’’
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