Navratri 2021: नवरात्रि में भूलकर भी न करें ये गलतियां, इन नियमों का करें पालन, जानिए किन लोगों को नहीं करना है व्रत-उपवास

Navratri Niyam In Hindi: मां शक्ति की आराधना का नौ दिवसीय नवरात्रि (Navratri) पर्व 7 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है. ऐसे में नवरात्रि के दौरान 9 दिन तक व्रत-उपवास रखने वाले और निराहार रहने वाले देवी मां के भक्तजनों को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. क्‍योंकि धर्म-शास्‍त्रों में कुछ नियम ऐसे हैं, जिनका पालन नहीं करने से देवी मां रूठ जाती है और उस घर में कष्ट-पीड़ा का संकट खड़ा हो जाता है. इसीलिए हमें नवरात्रि में कुछ नियमों का पालन करना अतिआवश्यक होता हैं. तो चलिए जान लेते हैं ऐसे कौनसे नियम हैं, जिनका हमें पालन करना हैं-

नवरात्रि में भूलकर भी न करें ये काम-

– सबसे पहले तो जो लोग नवरात्रि के दौरान 9 दिन तक व्रत-उपवास रखते हैं, वे भूलकर भी शराब, मांसाहारी खाना और लहसुन-प्‍याज का सेवन न करें. क्योंकि ये सभी चीजें नवरात्रि में सेवन करना वर्जित है. अगर आप इनमें से किसी भी चीज का पहले से सेवन कर भी रहे हो तो नवरात्रि में 9 दिन तक इनका बिलकुल भी प्रयोग नहीं करें.

– दूसरी बात जिस घर में जहां कलश/घटस्‍थापना की गई हैं, वहां माहवारी पीरियड में चल रही महिला को जाना वर्जित माना गया है. वहीं ऐसी महिलाओं को देवी पूजन की किसी भी सामग्री को छूना नहीं चाहिए. शास्त्रों में कहा गया है कि जो महिलाएं इस नियम का पालन नहीं करती है, उनके घर में हमेशा दरिद्रता पनपती है.

– इसके अलावा जिस घर में नवरात्रि पर घटस्‍थापना की गई हो और 9 दिनों तक अखंड ज्‍योत जलाई जा रही हो, उस घर को इस दौरान गलती से भी कभी बंद नहीं करें और सूना नहीं छोड़ें. क्योंकि घर में जलाई गई अखंड ज्‍योत कभी भी खंडित हो सकती है.

– नवरात्रि में देवी मां की पूजा करते समय काले वस्त्र भूलकर भी न पहनें. क्योंकि काले वस्त्र पहनने से घर में विपरीत प्रभाव पड़ता है. जिस घर में 9 दिनों तक इस नियम का पूरी तरह से पालन किया जाता है. उस घर में धन-दौलत की कभी कमी नहीं रहती. माता लक्ष्मी की उस घर पर हमेशा छत्रछाया रहती है.

– वहीं नवरात्रि में 9 दिनों तक जिस घर में जो लोग व्रत-उपवास रख रहे हैं और निराहार रहते हैं, वे लोग 9 दिनों तक पूरी तरह से ब्रह्मचर्य का पालन करें. धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि इस अवधि में ब्रह्मचर्य का पालन न करना महापाप है.

– नवरात्रि का व्रत-उपवास रख रहे लोग 9 दिन तक बाल, नाखून न काटें और ना ही शेविंग करें. यह काम नवरात्रि की पूर्णाहुति पर पारणा खोलने के बाद अगले दिन ही करें.

ऐसे घरों में वर्जित है घटस्थापना-

यदि किसी के घर में नवरात्रि से पूर्व बच्चे का जन्म है और उसका नवरात्रि प्रारंभ होने तक नामकरण नहीं किया है तो ऐसे घरों में कलश/घटस्थापना नहीं की जा सकती. क्योंकि उस घर में जब तक बच्चे का नामकरण नहीं होता, तब तक उस आंगन में सूआ-सूतक रहता है. इसीलिए ऐसे घरों में घटस्थापना और देव पूजन करना वर्जित माना गया है.

इसके अलावा अगर किसी घर में कोई सदस्य की मृत्‍यु हो चुकी है और नवरात्रि से पूर्व उसके बारहवें की रस्म संपन्न नहीं हुई है तो उस घर में घटस्थापना या देवी पूजन नहीं किया जा सकता है. क्योंकि ऐसे घरों में बारहवें की रस्म नहीं होने तक सूतककाल रहता है. धर्म-शास्‍त्रों के मुताबिक सूतककाल में धार्मिक अनुष्ठान आयोजित करना मना है.

इन्हें नहीं रखना चाहिए व्रत-उपवास-

नवरात्रि के दौरान किन लोगों को व्रत-उपवास रखना चाहिए और किन लोगों को व्रत-उपवास नहीं रखना चाहिए. तो चलिए यह भी जान लेते हैं-

चिकित्सकों का कहना है कि शुगर पेशेंट, डायबिटीज पेशेंट, गर्भवती महिलाओं को नवरात्रि में नौ दिन का व्रत-उपवास नहीं रखना चाहिए. यदि सामान्‍य बीमारी है तो भी चिकित्सक की सलाह से व्रत करें और इसके लिए डाइट चार्ट बनवाकर उसका पालन करें.

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