Bird Flu: भारत में बर्ड फ्लू से लोग दहशत में ! जानें देश में कब-कब फैली थी ये बीमारी, क्या है इस महामारी के फैलने का कारण, समझिए इसके लक्षण

Highlights:

>> सबसे पहला मामला 1997 में हॉन्ग कॉन्ग में आया था
>>
वर्ष 2006 में देश में पहली बार आई थी यह बीमारी
>>
अब तक 49 बार अलग-अलग राज्यों में फैल चुकी है यह बीमारी
>>
सरकार द्वारा पक्षियों और जानवरों को मारने पर पशुपालकों को मिला था मुआवजा
>>
सैकड़ों कौवों के मरने का कारण हैं ये वायरस...

भारत समेत विश्व के तमाम देशों में कोरोना जैसी भयानक और जानलेवा बीमारी तो पहले से ही फैली हुई है कि अब भारत के कई राज्यों में बर्ड फ्लू नामक बीमारी ने भी दस्तक दे दी है. हालांकि यह बीमारी आमतौर से पक्षियों और जानवरों में ही ज्यादा फैलती है.

लोग तो एक साल पूर्व चीन से फैली कोरोना महामारी से डरे हुए ही थे. वहीं इसी बीच अब बर्ड फ्लू नाम की एक और बीमारी के फैलने से आमजन में दहशत का माहौल पैदा हो गया है. दरअसल यह बीमारी देश में अब कोई नई नहीं आई है, इस तरह की महामारी पूर्व में कई बार पक्षियों और जानवरों में फ़ैल चुकी थी.

बीता साल 2020 दुनियाभर के लिए इतना खतरनाक रहा कि कोरोना वायरस का तो अब तक खात्मा हुआ ही नहीं और साल के अंत में भारत में बर्ड फ्लू नाम की बीमारी ने एंट्री कर दी. देश में अब दिनोंदिन इस बीमारी के केसेज बढ़ते ही जा रहे हैं. बता दें कि बर्ड फ्लू एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (H5N1) के कारण होता है. देश के राज्य राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड और हिमाचल प्रदेश में इस वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. वहीं ये वायरस संक्रमित पक्षियों और इंसानों दोनों के लिए भी बेहद ही घातक है.

आपको बता दें कि बर्ड फ्लू बीमारी भारत में पहली बार 2006 में महाराष्ट्र के 28 क्षेत्रों में और गुजरात के 1 क्षेत्र में फैली थी. उसी दौरान करीब 10 लाख पक्षियों को मारा गया था, जिसका पशुपालकों को सरकार द्वारा करीब 2 करोड़ 70 लाख रुपए का मुआवजा भी दिया गया था.

2008 में पश्चिम बंगाल में बरपाया था कहर –

इसके बाद साल 2008 में जनवरी से मई माह के बीच एवियन इनफ्लूंजा का कहर पश्चिम बंगाल में देखने को मिला था। इस दौरान इस राज्य में करीब 68 जगहों पर इस बीमारी ने अपने पांव पसार लिए थे. इस दौरान 42 लाख 62 हजार पक्षियों को मारा गया था और इसके लिए सरकार ने पशुपालकों को 1229 लाख रुपए का मुआवजा दिया था. इसके आलावा असम में भी वर्ष 2008 के नवम्बर और दिसम्बर माह में यह बीमारी 18 जगहों पर फैल गई थी, इस दौरान भी 5 लाख 9 हजार पक्षियों को मारा गया था. जिसकी मुआवजा राशि 1.7 करोड़ रुपए दी गई थी।

>>UP Shadi Anudan Yojana: बेटी की शादी पर सरकार से फ्री में लेने है 51 हजार रुपए तो घर बैठे ऑनलाइन ऐसे करें आवेदन, सीधा पैसा आएगा आपके बैंक खाते में

यहां भी फैली थी यह बीमारी –

वहीं देश की राजधानी दिल्ली के चिडिय़ाघर में पहला मामला 14 अक्टूबर 2016 को सामने आया था। इस दौरान 2 प्रवासी पक्षी मृत पाए गए थे, वहीं उसके ठीक दूसरे दिन 11 और पक्षी मरे हुए पाए गए थे। उसके बाद 17 और 19 अक्टूबर 2016 को भी 1-1 पक्षी मृत पाए गए थे। जिनमें से 8 पक्षियों के नमूने जांच के लिए भोपाल और जालंधर भेजे गए, जहां इनमें एच5 इनफ्लुएंजा वायरस होने की पुष्टि हुई थी। वहीं मई 2016 में कर्नाटक में भी इस बीमारी से करीब 33 हजार पक्षी मारे गए थे।

इसके आलावा साल 2017 में यह बीमारी ओडिशा, गुजरात, दमन दीव, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में छिटपुट रुप से फैली थी। इसी प्रकार दिसम्बर 2018 में यह बीमारी ओडिशा में नौ क्षेत्रों में और बिहार में 3 जगहों पर फैली थी।

AI_Note_updated_30.11.15.pdf01

अब तक 49 बार अलग-अलग राज्यों में फैल चुकी है यह बीमारी

बता दें कि भारत में अब तक 49 बार अलग-अलग राज्यों में 225 स्थानों पर यह बीमारी फैली है जिसमें करीब 83.5 लाख पक्षियों को मारा गया है और इसके लिए सरकार द्वारा पशुपालकों को 26 करोड़ रुपए से अधिक की मुआवजा राशि दी गई है.

अक्टूबर 2016 और फरवरी 2017 में देश के नौ राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी। इसके बाद 6 जून 2017 में भारत के कृषि मंत्रालय ने एवियन इंफ्लूएन्जा H5N8 और H5N1 से मुक्त घोषित करके इसकी सूचना भी विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन को दे दी थी. मगर भारत में इसके बाद भी ये कई बार फैल चुकी है. जैसा कि हमने ऊपर इस बीमारी का उल्लेख किया ही है.

>>PM Kisan Yojana: प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना की सातवीं किस्त आपके बैंक खाते में पहुंची या नहीं? फटाक से ऐसे करें चेक

सबसे पहले 1997 में हॉन्ग कॉन्ग में आया था पहला मामला

चिकित्सकों का कहना है कि बर्ड फ्लू कई प्रकार के होते हैं, मगर H5N1 पहला एक ऐसा एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस है जो इंसानों को संक्रमित कर देता है. ऐसा सबसे पहला मामला 1997 में हॉन्ग कॉन्ग में आया था. उस वक्त बर्ड फ्लू के प्रकोप को पोल्ट्री फार्म में संक्रमित मुर्गियों से जोड़ा गया था.

क्या है बर्ड-फ्लू बीमारी? और कैसे फैलती है

बर्ड फ्लू (Bird Flu)  या एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian Influenza) एक वायरल संक्रमण है जो कि पक्षियों से पक्षियों में फैलता है। वहीं बर्ड फ्लू इतना घातक है कि कब महामारी का रूप ले ले इसका कोई कह नहीं सकता। ये बीमारी संक्रमित मुर्गियों या अन्य पक्षियों के बेहद नजदीक रहने से ही फैलती है।

बता दें कि पक्षियों की अलग-अलग प्रजातियों से डायरेक्ट या इन्डायरेक्ट सम्पर्क में रहने से इंसानों में बर्ड फ्लू वायरस फैल जाता है फिर चाहे पक्षी जीवित हो या मृत हो। इंसानों में ये वायरस उनकी आंखों, मुंह तथा नाक के माध्यम से फैलता है। अभी तक ये जानलेवा बर्ड फ्लू बीमारी उन्हीं व्यक्तियों में पाई गई है जो पक्षी स्थलों, चिड़ियाघरों में बीमार पक्षियों के सीधे संपर्क में आते हैं। हालांकि ऐसे केसेज बहुत ही कम देखने को मिलते हैं। बता दें कि भारत में बर्ड फ्लू से ज्यादा से ज्यादा पक्षियों की ही मौतें हुई है। अभी तक H5N1 का कोई टीका नहीं बना है। गौरतलब है कि यह खतरनाक H5N1 वायरस है और यह ज्यादातर पक्षियों में होता है। मगर यह वायरस इंसानों में भी आसानी से फैल सकता है। इससे फेफड़ों में इन्फेक्शन हो जाता है। इसके शिकार 90 फीसदी व्यक्तियों की मौत होने की आशंका रहती है।

इन लोगों को बर्ड फ्लू होने का ज्यादा रहता है खतरा-

H5N1 वायरस में लंबे वक्त तक जीवित रहने की क्षमता होती है. यह वायरस संक्रमित पक्षियों के मल और लार में करीब 10-12 दिन तक जीवित रहता है. बता दें कि सबसे ज्यादा इसका खतरा मुर्गीपालन करने वाले लोगों को होता है.

>>Aadhaar Update: अब आप घर बैठे आधार कार्ड में संशोधित करें अपनी पर्सनल जानकारी, नाम, पता और जन्मतिथि में सुधार करने की UIDAI ने फिर दी सुविधा

चिकन खाने से होता है बर्ड फ्लू? कोई प्रमाण नहीं- WHO

जानकारी के मुताबिक अभी तक किसी व्यक्ति में अच्छे से पकाया हुआ चिकन का सेवन करने बर्ड फ्लू बीमारी होने का किसी प्रकार प्रमाण नहीं मिला है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक अच्छे से पके हुए चिकन या अंडे से बर्ड फ्लू का खतरा नहीं होता। सबसे पहले इस बीमारी को पक्षियों और जानवरों में रोकनी होगी. उसके बाद ही इंसानों में इसका खतरा रोका जा सकता है।

बर्ड फ्लू के ये है लक्षण –

व्यक्ति को अगर लगातार बुखार रहे, हमेशा कफ आना, नाक का बहना, सिर दर्द करना,  गले में सूजन आ जाना,   मांसपेशियों में दर्द होना, दस्तें लगाना, हर समय जी मचलाना और उल्‍टी की शिकायत महसूस होना, पेट का निचला हिस्सा दर्द करना, श्वांस लेने में दिक्कत आना, निमोनिया होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.  

इस दवा से मिलती है बर्ड फ्लू से राहत –

चिकित्सकों का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति को बर्ड फ्लू हो जाता है तो इसका का इलाज एंटीवायरल ड्रग ओसेल्टामिविर (टैमीफ्लू) (oseltamivir (Tamiflu) ) और ज़ानामिविर (रेलेएंजा) (zanamivir (Relenza)) से किया जाता है। इस वायरस को कम करने के लिए संक्रमित व्यक्ति को पूरी तरह आराम करना चाहिए तथा हेल्दी डायट लेनी चाहिए. जिसमें अधिक से अधिक लिक्विड हो। वहीं मरीज को एकांत में रखना चाहिए जिससे बर्ड फ्लू अन्य लोगों में ना फैले.

देश-दुनिया से जुड़ी ऐसी ही खबरें आगे भी पाना चाहते हो तो साइड में आ रहे बेल आइकन को दबाएं और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा अपने मित्रों के पास शेयर करें ताकि उन्हें भी यह जानकारी मिल जाए.

Tags: bird flu news, bird flu 2020, bird flu symptoms, bird flu vaccine, bird flu in kerala, bird flu is caused by, bird flu news today, bird flu in india 2021, bird flu virus, bird flu alert, bird flu and swine flu, bird flu affects, bird flu and swine flu are caused by, bird flu and swine flu upsc, bird flu other name, bird flu and swine flu in hindi, bird flu affect humans, a fluffy bird, a flutter bird, flightless bird, the bird flu pandemic, the bird flu symptoms, bird flu birds, bird flu cases, bird flu caused by, bird flu caused by which virus, bird flu cure, bird flu chicken, bird flu causative organism, bird flu chicken can be eaten, bird flu deaths

Share to Your Friends Also

Leave a Comment