Ganesh Chaturthi : गणेश चतुर्थी पर ये रहेगा सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त, देखें कब रहेगा शुभ मुहूर्त, क्या है गणेश पूजन की विधि? ऐसे करें गणेश जी की आरती

Ganesh Chaturthi 2021 Shubh Muhurat: चतुर्थी का पर्व देशभर में 10 सितंबर 2021, शुक्रवार को श्रद्धा एवं आस्था के साथ मनाया जाएगा. वहीं भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से दस दिवसीय गणेश महोत्सव का आगाज हो जाएगा. जिसकी पूर्णाहुति अनंत चतुर्दशी, 19 सितंबर होगी. बता दें कि इस बार कोरोना संकट के चलते गणेश महोत्सव कार्यकम सार्वजनिक रूप से नहीं मनाया जा सकेगा. इसलिए सभी अपने घरों में ही गणेश स्थापना करके पूजना करेंगे.

बता दें कि गणेश चतुर्थी को रिद्धि-सिद्धि एवं शुभ-लाभ के विधाता भगवान गणेश जी प्रतिमाएं गाजों-बाजों के साथ घर-घर में शुभ मुहूर्त में स्थापित की जाएगी. जिनका विसर्जन दसवें दिन अनंत चतुदर्शी को किया जाएगा.

ज्योतिषशास्त्रों की मानें तो गणेश चतुर्थी के मौके पर शुभ मुहूर्त में विधि-विधान के साथ भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए. क्योंकि मुहूर्त में किया गया हर कार्य सफल होता है और लाभदायक रहता है. तो आइये जान लेते है गणेश स्थापना का क्या रहेगा शुभ मुहूर्त और क्या है पूजा की विधि-

गणेश स्थापना और पूजन का शुभ मुहूर्त-

ग्रह,नक्षत्र व पंचांग की श्रेष्ठ स्थिति के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन गणेश पूजन के लिए शुभ और लाभदायक मुहूर्त सुबह 11 बजकर 03 मिनट से दोपहर 01 बजकर 32 मिनट के बीच रहेगा. वहीं दोपहर 12 बजकर 18 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त शुरू होगा, जो रात 9 बजकर 57 मिनट तक पूजन का समय शुभ रहेगा. वहीं खास बात ये है कि इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर भद्रा का साया नहीं रहेगा.

ऐसे करें गणेश का पूजन-

गणेश चतुर्थी पर स्नान करके साफ हल्के लाल या पीले रंग के कपड़े पहनें. लाल रंग का कपड़ा चौकी पर बिछाकर भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें. भगवान गणपति को कुमकुम का तिलक करके चावल भी लगाएं, मोली बंधे और गुलाब-मोगरा के फूलों की माला पहनाएं. पूजा की थाली में घी का दीपक जलाएं. तांबे या पीतल का जल कलश का प्रयोग करें. भगवान को प्रसाद के रूप में मोदक का भोग लगाएं.

वहीं गणेश जी को मोतीचूर के लड्डू भी बहुत प्रिय हैं. इसके अलावा गणेश जी को बेसन के लड्डू का भी भोग लगा सकते हैं. वहीं गणेश जी की पूजा के बाद खीर अवश्य चढ़ानी चाहिए. इसके अलावा केला, नारियल, मखाने की खीर और पीले रंग की मिठाई भी गणेश जी के भोग में शामिल कर सकते हैं.

गणेश जी की आरती-

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।।
एकदंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी ।।

पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा ।।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।।

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ।।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।।

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।।

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ।।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।।

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