Chandra Grahan 2021: कब लगेगा चंद्रग्रहण और कहां-कहां दिखेगा ग्रहण, देखें पूरी डिटेल

दोस्तों साल 2021 का पहला चंद्रग्रहण आज वैशाख सुदी पूणिमा को लगने जा रह है वैसे तो वैज्ञानिक दृष्टी से यह एक खगोलीय घटना है. लेकिन शास्त्रों में चंद्रग्रहण को बड़ा महत्व दिया गया है. उधर ज्योतिष शास्त्रों का मानना है कि साल 2021 का पहला चंद्रग्रहण दुनिया के लिए बहुत ही खास रहने वाला है जोकि शुभ एवं बड़ा लाभदायक होगा.

ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक बुध पूर्णिमा को लगने वाला यह चंद्रग्रहण देश और दुनिया में बेहद ही बड़ा शकून लेकर आने वाला है. ज्योतिषाचारियों की मानें तो यह चंद्रग्रहण धरती पर मानव जाति के लिए बहुत अच्छा संकेत देने वाला है. इनका कहना है कि आज लगने वाला यह चंद्रग्रहण बुध की दशा में भी एक बड़ा परिवर्तन करेगा. यह एक कुदरती संयोग बना है. जिससे देश और दुनिया में फैली कोरोना जैसी महामारी का विनाश भी संभव होगा.

चंद्रग्रहण आज दोपहर को 2 बजकर 17 मिनट पर शुरू हो जाएगा जो शाम को 7 बजकर 19 मिनट तक रहेगा. वैसे तो आज लगने वाले चंद्र ग्रहण की समय सीमा 5 घंटे और 2 मिनट की रहेगी. लेकिन भारत में उपछाया चंद्रग्रहण होने कारण हम इसे सभी जगहों से देख नहीं पाएंगे. ऐसे में चंद्रग्रहण का सूतक काल भी भारत में प्रभावी नहीं होगा.

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार आज का पूर्ण चंद्रग्रहण भारत के कुछएक ही इलाकों में दिखाई देगा, जिसमें देश के पूर्वोत्तर राज्यों में कुछ इलाकों में चंद्रग्रहण दिखाई देगा. इसके आलावा पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, ओडिशा के कुछ हिस्सों तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से चन्द्रग्रहण का नजारा बिलकुल थोड़े समय के लिए दिखाई देगा.

चंद्रग्रहण के बारे में विशेष जानकारी-

  • यह साल का पहला चंद्रग्रहण है, जो पूर्ण चंद्रग्रहण होगा.
  • ग्रहण के दौरान चंद्रमा पूरी तरह से लाल रंग का हो जाएगा. जिसे हम सुपर ब्लड मून भी कहते है.
  • भारत में यह चंद्रग्रहण सभी जगहों पर नहीं दिखाई देगा, क्योंकि यहां उपछाया वाला चंद्रग्रहण ही होगा.
  • चंद्रग्रहण आज दोपहर 2.17 बजे से शुरू हो जाएगा जो शाम को 7.19 बजे तक रहेगा.
  • भारत में उपछाया चंद्रग्रहण होने कारण सूतक काल भी प्रभावी नहीं होगा. इसलिए मांगलिक कार्यों पर भी किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं रहेगी.
  • यह पूर्ण चंद्रग्रहण भारत को छोड़कर कई देशों में दिखाई देगा.
  • आज का चंद्रग्रहण ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, अमेरिका, ओशिनिया, दक्षिण-पूर्व एशिया, अलास्का, कनाडा, मेक्सिको समेत और भी कई देशों में दिखाई देगा.

चंद्र ग्रहण के प्रकार –

खगोलीय विज्ञान के अनुसार चंद्रग्रहण के तीन प्रकार होते हैं, जिसमें पूर्ण चंद्रग्रहण, उपच्छाया चंद्र ग्रहण और आंशिक चंद्रग्रहण.

पूर्ण चंद्रग्रहण- जब सूर्य, चन्द्रमा और पृथ्वी एक सीध में आ जाते हैं तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा को पूरी तरह से ढक लेती है, तब हमें पूर्ण चंद्रग्रहण का दृश्य देखने को मिलता है. इस दौरान हमें चंद्रमा पूरी तरह से लाल रंग दिखाई देने लग जाता है. जिसे सुपर ब्लड मून कहते है. जो ऐसा चांद का अद्भुत नजारा आज कई देशों में देखने को मिलेगा.

उपच्छाया चंद्र ग्रहण- जब चंद्रमा, सूर्य, और पृथ्वी एक सीधी रेखा में नहीं होते हैं. तो उस समय सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है, ऐसी स्थिति में पृथ्वी के बाहरी भाग की छाया यानी उपच्छाया ही चंद्रमा पर पड़ती है. जिससे चन्द्रमा की सतह धुंधली पड़ जाती है. इसी को उपच्छाया चंद्रग्रहण कहा गया है. इस दौरान चंद्रमा का न ही रंग बदलता है और न ही आकार.

आंशिक चंद्रग्रहण- जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है, उस समय चंद्रमा के कुछ ही भाग पर पृथ्वी की छाया पड़ पाती है। इसे आंशिक चंद्रग्रहण कहा जाता है.

ये काम नहीं करें ग्रहण काल में –

  • ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को बाहर नहीं निकलना चाहिए. क्योंकि इस दौरान चंद्रमा से निकलने वाली किरणों को वैज्ञानिक दृष्टी से हानिकारक बताया गया है, जोकि गर्भवती महिला के पेट में पल रहे बच्चे पर दुष्प्रभाव डाल सकती है.
  • वहीं ग्रहण काल में गर्भवती महिलाएं किसी भी नुकीली चीज जैसे- कैंची, चाकू आदि का प्रयोग न करें और न ही सिलाई-कढ़ाई का काम करें.
  • ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार ग्रहण काल में मांगलिक कार्य वर्जित है. इस दौरान मंदिर में पूजा-पाठ में नहीं करें. भगवान की प्रतिमाओं को न छुएं और मंदिर के कपाट बंद रखें.
  • ग्रहण काल में किसी भी प्रकार का कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए.
  • वहीं ग्रहण काल में भोजन बनाना और भोजन करना दोनों को वर्जित माना गया है.
  • शारीरिक संबंधों से भी दूर रहना चाहिए और घर में कलह-कलेश भी नहीं होने दें.
  • इस दौरान बाल और नाखून काटने से भी हमें बचना चाहिए.

ग्रहण काल के दौरान ये करें –

  • ग्रहण काल में पानी के बर्तनों में तुलसी के पत्ता डालना चाहिए.
  • वहीं इस दौरान दान-पुण्य करना बहुत ही लाभदायक माना गया है.
  • शास्त्रों के मुताबिक ग्रहण की अवधि में अपने इष्ट देवी-देवताओं को याद करें और मंत्रों का जाप करते रहना चाहिए. इस दौरान भगवान की भक्ति में लीन रहना ही सबसे बड़ा धर्म माना गया है.

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