26 January 2022 Ke Liye Bhashan Hindi Mein : 26 जनवरी गणतंत्र दिवस 2022 पर भाषण हिंदी में, 26 जनवरी पर भाषण हिंदी में लिखा हुआ, यहां देखें

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26 january par short bhashan hindi mein : दोस्तों 26 जनवरी नजदीक आ रही है, ऐसे में स्कूल-कॉलेजों में गणतंत्र दिवस पर आयोजित किए जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारियां भी शुरू हो चुकी है. गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व होने के नाते इसे सभी देशवासी उत्साह एवं उमंग के साथ मनाते हैं. 26 जनवरी को मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस एक ऐसा पर्व है, जिसे हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई आदि सभी जाति-धर्म के लोग मिल-जुलकर मनाते हैं.

इस गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के राजपथ पर मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, जहां देश के राष्ट्रपति तिरंगा झंडा फहराते है. वहीं देश की तमाम स्कूल-कॉलेज जैसी शिक्षण संस्थाओं में इस खास मौके पर देशभक्ति पर आधारित भाषण, कविता, गीत, नृत्य आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं. जिसमें छात्र-छात्राएं उत्साह एवं जोश के साथ अपनी भागीदारी अदा करते हैं. तो दोस्तों इस 26 जनवरी के मौके पर यदि आप भी अपनी स्कूल या कॉलेज में भाषण बोलना चाहते हो तो, हमने गणतंत्र दिवस पर एक छोटा सा शानदार भाषण तैयार किया है, इसे आप अपनी स्कूल या कॉलेज में गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित होने वाले समारोह में बोल सकते हैं.

26 जनवरी पर बोलने के लिए भाषण (26 january par bolne ke liye speech)

मंच पर विराजमान सम्माननीय अतिथि महोदय, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, मेरे समस्त शिक्षकगणों और यहां उपस्थित अभिभावकों और मेरे प्यारे सहपाठी भाई-बहिनों सबसे पहले तो मैं आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं.

कुछ नशा तिरंगे की आन का है,

कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,

हम लहराएंगे हर जगह ये तिरंगा,

नशा ये हिन्दुस्तान का है.

आज हम अपने भारत देश का 73वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे है. आज का यह दिन हम सभी के लिए खुशियां बांटने का दिन है. क्योंकि आज ही के दिन 26 जनवरी को सन 1950 में इस भारत देश का संविधान लागू किया गया था. संविधान देश का मौलिक कानून होता है. इसी के द्वारा ही संपूर्ण देश की शासन व्यवस्था को नियंत्रित किया जाता है. सविंधान के बिना किसी भी देश की शासन प्रणाली को सुचारू रूप से चलाना असंभव है.

यह सविंधान लागू होने के बाद ही हमारा भारत गणराज्य बना. भारत के इस संविधान से ही समाज को निष्पक्ष न्याय प्रणाली मिली. नागरिकों को मौलिक अधिकारों की आजादी मिली और कर्तव्यों की जिम्मेदारी भी.

भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है. इस संविधान के निर्माण हेतु एक विशेष समिति का गठन किया गया, जिसमें देशभर से 389 सदस्य चुने गए. इस सविंधान प्रारूप समिति में पंडित जवाहरलाल नेहरु, डॉ. भीमराव अंबेडकर, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद आदि प्रमुख सदस्य थे. भारत के इस विशाल संविधान को तैयार करने में समिति को 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे.

26 जनवरी को हर साल मनाया जाने वाला यह पर्व किसी विशेष जाति-धर्म से जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि गणतंत्र दिवस हमारा एक राष्ट्रीय पर्व है, जिसे हर भारतवासी गर्व और उत्साह के साथ मनाता हैं. ऐसे पर्व हमें देश में एकता और अखंडता बनाए रखने का संदेश देते हैं. आज के इस खास मौके पर देश की राजधानी दिल्ली में राजपथ पर मुख्य कार्यकम आयोजित होता है, जहां देश के राष्ट्रपति तिरंगा झंडा फहराते है और राष्ट्र को संबोधित करते है. वहीँ देश की तमाम स्कूल-कॉलेज जैसी शिक्षण सस्थाओं में तिरंगा फहराकर, राष्ट्रगान गाया जाता है और देशभक्ति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यकम आयोजित किए जाते हैं.

आज के इस पावन अवसर पर मुझे आपने जो दो शब्द बोलने का मौका दिया, उसके लिए मैं आप सभी का आभारी हूं. इसी के साथ मैं अपनी वाणी को यहीं पर विराम देना चाहूंगा.

जय हिन्द-जय भारत !!

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गणतंत्र दिवस के बारे में जानकारी (ganatantra divas ke bare mein kuchh bataiye)

प्रश्न- गणतंत्र दिवस क्या है और ये क्यों मनाया जाता है?

उत्तर- 15 अगस्त 1947 को हमारा भारत देश अंग्रेजों से तो आज़ाद हो गया था, लेकिन भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था, जिसके तहत भारत देश को एक लोकतांत्रिक, संप्रभु और गणतंत्र देश घोषित किया गया. इसी के उपलक्ष में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं.

प्रश्न- संविधान क्या है? (संविधान किसे कहते है)

उत्तर- संविधान देश का मौलिक कानून होता है, जिसके बगैर किसी भी देश की शासन व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं चल सकती. विश्व के सभी देशों में अपने-अपने संविधान बने हुए है. संविधान सरकार के विभिन्न अंगों की रूपरेखा और मुख्य कार्य का निर्धारण करता है. साथ ही यह सरकार और देश के नागरिकों के बीच संबंध भी स्थापित करता है.

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